ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलना: जब बच्चा भी शामिल हो (Toxic Relationship se Bahar Nikalna: Jab Baccha Bhi Shamil Ho)

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ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलना: जब बच्चा भी शामिल हो (Toxic Relationship se Bahar Nikalna: Jab Baccha Bhi Shamil Ho)

ज़हरीला रिश्ता (Toxic Relationship) किसी भी व्यक्ति के लिए विनाशकारी हो सकता है, लेकिन जब उसमें बच्चे शामिल होते हैं, तो स्थिति और भी जटिल और दर्दनाक हो जाती है। बच्चों की सुरक्षा और भलाई आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए, इसलिए ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाना और ठोस कदम उठाना महत्वपूर्ण है। यह एक कठिन यात्रा हो सकती है, लेकिन यह आपके और आपके बच्चों के भविष्य के लिए आवश्यक है।

**ज़हरीला रिश्ता क्या होता है?**

ज़हरीला रिश्ता वह होता है जिसमें लगातार नकारात्मकता, अपमान, नियंत्रण, भावनात्मक या शारीरिक शोषण शामिल हो। यह रिश्ता आपको थका हुआ, निराश और शक्तिहीन महसूस कराता है। ज़हरीले रिश्ते के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

* **लगातार आलोचना:** आपका साथी लगातार आपकी आलोचना करता है, आपके प्रयासों को कम आंकता है और आपको बेकार महसूस कराता है।
* **नियंत्रण:** आपका साथी आपके जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करने की कोशिश करता है, जैसे कि आप किससे मिलते हैं, आप क्या करते हैं और आप क्या सोचते हैं।
* **भावनात्मक शोषण:** आपका साथी आपको भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करता है, आपको दोषी महसूस कराता है और आपको भावनात्मक रूप से कमजोर करता है।
* **शारीरिक शोषण:** आपका साथी आप पर हमला करता है, आपको धक्का देता है या आपको किसी भी तरह से शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है।
* **गैसलाइटिंग:** आपका साथी आपकी वास्तविकता पर सवाल उठाता है, आपको भ्रमित करता है और आपको पागल महसूस कराता है।
* **अनादर:** आपका साथी आपके विचारों, भावनाओं और सीमाओं का अनादर करता है।
* **ईर्ष्या:** आपका साथी अत्यधिक ईर्ष्यालु होता है और आपको अपने दोस्तों और परिवार से दूर करने की कोशिश करता है।
* **मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार:** आपका साथी डराने-धमकाने, अपमानित करने या अलग-थलग करने के जरिए मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार करता है।

**बच्चे पर ज़हरीले रिश्ते का प्रभाव**

ज़हरीले रिश्ते में पलने वाले बच्चे कई तरह से प्रभावित हो सकते हैं। वे निम्नलिखित समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं:

* **भावनात्मक समस्याएं:** चिंता, अवसाद, डर, गुस्सा, अपराधबोध और आत्मविश्वास की कमी।
* **व्यवहार संबंधी समस्याएं:** आक्रामकता, अवज्ञा, झूठ बोलना, चोरी करना और स्कूल में समस्याएँ।
* **शारीरिक समस्याएं:** सिरदर्द, पेट दर्द, नींद की समस्या और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
* **रिश्ते की समस्याएं:** स्वस्थ रिश्ते बनाने और बनाए रखने में कठिनाई।
* **सीखने की समस्याएं:** ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और सीखने में रुचि की कमी।
* **आत्मसम्मान में कमी:** वे खुद को बेकार और अवांछित महसूस कर सकते हैं।
* **दर्दनाक तनाव:** बच्चे दर्दनाक तनाव का अनुभव कर सकते हैं जिससे भविष्य में भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

**ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलने के कदम: जब बच्चा शामिल हो**

ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलना आसान नहीं है, खासकर जब बच्चे शामिल हों। लेकिन यह आपके और आपके बच्चों के भविष्य के लिए सबसे अच्छा है। यहाँ कुछ कदम दिए गए हैं जिन्हें आप उठा सकते हैं:

**1. योजना बनाएं:**

* **सुरक्षा योजना:** यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यदि शारीरिक शोषण हो रहा है, तो तुरंत पुलिस को बुलाएं और सुरक्षित स्थान पर जाएं। एक विस्तृत सुरक्षा योजना बनाएं जिसमें शामिल हो:
* निकटतम आपातकालीन आश्रय और हेल्पलाइन नंबर।
* एक सुरक्षित स्थान (मित्र, परिवार, या आश्रय) जहाँ आप जा सकें।
* महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, सामाजिक सुरक्षा कार्ड, बैंक विवरण, बीमा जानकारी, चिकित्सा रिकॉर्ड, स्कूल रिकॉर्ड) इकट्ठा करें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें।
* अपनी नकदी, क्रेडिट कार्ड और फोन को आसानी से सुलभ रखें।
* एक “गो बैग” तैयार करें जिसमें आवश्यक सामान हो, जैसे कपड़े, दवाएं और बच्चों के लिए आवश्यक वस्तुएं।
* अपने बच्चों को सिखाएं कि आपातकाल की स्थिति में क्या करना है और किसे कॉल करना है।
* **वित्तीय योजना:** वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने की योजना बनाएं।
* एक बजट बनाएं और अपनी आय और व्यय को ट्रैक करें।
* बचत खाता खोलें और जितना हो सके उतना पैसा बचाएं।
* अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करें और इसे सुधारने के लिए कदम उठाएं।
* सरकारी सहायता कार्यक्रमों (जैसे आवास सहायता, खाद्य सहायता, चाइल्ड केयर सहायता) के लिए आवेदन करें।
* नौकरी की तलाश करें या अपनी आय बढ़ाने के तरीके खोजें।
* **कानूनी योजना:** एक वकील से सलाह लें।
* तलाक या कानूनी अलगाव के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
* बच्चे की कस्टडी और समर्थन के बारे में कानूनी विकल्प जानें।
* सुरक्षा आदेश प्राप्त करने के बारे में पूछताछ करें यदि आवश्यक हो।
* कानूनी दस्तावेजों को इकट्ठा करें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें।
* **भावनात्मक समर्थन योजना:** दोस्तों, परिवार या एक थेरेपिस्ट से भावनात्मक समर्थन प्राप्त करें।
* एक मजबूत समर्थन प्रणाली विकसित करें।
* अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सुरक्षित स्थान खोजें।
* एक थेरेपिस्ट या परामर्शदाता से बात करें जो आपको भावनात्मक रूप से ठीक होने में मदद कर सके।
* सहायता समूहों में शामिल हों जहाँ आप अन्य लोगों से मिल सकें जो समान परिस्थितियों से गुजर रहे हैं।

**2. अपने बच्चों से बात करें:**

* उन्हें बताएं कि क्या हो रहा है, लेकिन उन्हें डराने या परेशान करने से बचें।
* उनकी भावनाओं को स्वीकार करें और उन्हें बताएं कि वे अकेले नहीं हैं।
* उन्हें आश्वस्त करें कि आप उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सब कुछ करेंगे।
* उन्हें बताएं कि यह उनकी गलती नहीं है।
* उन्हें बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं।
* उनकी उम्र के अनुसार समझ में आने वाली भाषा का प्रयोग करें। छोटे बच्चों के लिए, सरल और सीधे शब्दों का प्रयोग करें। बड़े बच्चों के लिए, आप थोड़ी अधिक जानकारी दे सकते हैं, लेकिन अभी भी उन्हें डराने या परेशान करने से बचें।
* उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें।
* धैर्य रखें और उनके सवालों का ईमानदारी से जवाब दें।
* उन्हें बताएं कि आप हमेशा उनके लिए वहां रहेंगे।

**3. रिश्ते से बाहर निकलें:**

* जब आप सुरक्षित महसूस करें, तो रिश्ते से बाहर निकलें।
* अपने साथी को बताएं कि आप रिश्ता खत्म कर रहे हैं।
* स्पष्ट और दृढ़ रहें।
* अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें।
* तर्क-वितर्क से बचें।
* सुरक्षित स्थान पर जाएं।
* संपर्क सीमित करें।
* यदि संभव हो, तो अपने साथी से व्यक्तिगत रूप से बात करने से बचें। इसके बजाय, आप फोन, ईमेल या टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से संवाद कर सकते हैं।
* यदि आपको अपने साथी से व्यक्तिगत रूप से बात करनी है, तो किसी मित्र या परिवार के सदस्य को अपने साथ ले जाएं।
* अपने साथी के साथ साझा किए गए सभी खातों (जैसे सोशल मीडिया, ईमेल, बैंक खाते) को सुरक्षित करें।
* पासवर्ड बदलें और सुरक्षा सेटिंग्स अपडेट करें।

**4. अपनी और अपने बच्चों की देखभाल करें:**

* अपने शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
* स्वस्थ भोजन करें।
* पर्याप्त नींद लें।
* नियमित रूप से व्यायाम करें।
* तनाव कम करने के तरीके खोजें।
* अपने शौक और रुचियों के लिए समय निकालें।
* अपने बच्चों को प्यार और समर्थन दें।
* उन्हें बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और आप हमेशा उनके लिए वहां रहेंगे।
* उनकी भावनाओं को स्वीकार करें और उन्हें बताएं कि वे अकेले नहीं हैं।
* उन्हें खेलने और मौज-मस्ती करने के लिए प्रोत्साहित करें।
* उन्हें स्कूल और अन्य गतिविधियों में शामिल करें।
* उन्हें एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण प्रदान करें।

**5. पेशेवर मदद लें:**

* एक थेरेपिस्ट या परामर्शदाता से बात करें।
* आपको भावनात्मक रूप से ठीक होने और स्वस्थ रिश्ते बनाने में मदद मिल सकती है।
* अपने बच्चों के लिए भी पेशेवर मदद लें।
* उन्हें भावनात्मक रूप से ठीक होने और दर्दनाक तनाव से निपटने में मदद मिल सकती है।
* कानूनी सलाह के लिए एक वकील से संपर्क करें।
* वित्तीय सलाह के लिए एक वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

**6. अपनी सीमाओं को निर्धारित करें:**

* यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने पूर्व साथी के साथ स्पष्ट सीमाएं निर्धारित करें, खासकर जब बच्चों की बात आती है।
* संचार को आवश्यक मुद्दों तक ही सीमित रखें, जैसे कि बच्चों की देखभाल और स्कूल की गतिविधियाँ।
* अपनी भावनाओं को साझा करने या व्यक्तिगत जानकारी देने से बचें।
* अपने पूर्व साथी के साथ मिलने के लिए सार्वजनिक स्थानों का चयन करें, और हमेशा किसी मित्र या परिवार के सदस्य को अपने साथ ले जाएं।
* अपनी सीमाओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ रहें।

**7. धैर्य रखें:**

* ज़हरीले रिश्ते से ठीक होने में समय लगता है।
* धैर्य रखें और खुद पर दया करें।
* अपने आप को ठीक होने के लिए समय दें।
* अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।
* कभी हार मत मानो।

**कानूनी सहायता:**

भारत में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए कई कानूनी प्रावधान और सहायता उपलब्ध हैं। कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान इस प्रकार हैं:

* **घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005:** यह अधिनियम महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, यौन और आर्थिक शोषण शामिल हैं।
* **दहेज निषेध अधिनियम, 1961:** यह अधिनियम दहेज मांगने या देने को गैरकानूनी घोषित करता है।
* **भारतीय दंड संहिता (आईपीसी):** आईपीसी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विभिन्न धाराएं हैं, जैसे धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न), धारा 354 (महिला की मर्यादा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), और धारा 376 (बलात्कार)।

आप निम्नलिखित स्रोतों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं:

* **महिला एवं बाल विकास मंत्रालय:** यह मंत्रालय महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाता है।
* **राष्ट्रीय महिला आयोग:** यह आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है और घरेलू हिंसा से संबंधित शिकायतों की जांच करता है।
* **राज्य महिला आयोग:** प्रत्येक राज्य में एक महिला आयोग होता है जो राज्य में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है।
* **जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण:** यह प्राधिकरण मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह प्रदान करता है।
* **महिला हेल्पलाइन:** कई महिला हेल्पलाइन हैं जो घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करती हैं।

**निष्कर्ष**

ज़हरीले रिश्ते से बाहर निकलना एक कठिन और दर्दनाक प्रक्रिया हो सकती है, खासकर जब बच्चे शामिल हों। लेकिन यह आपके और आपके बच्चों के भविष्य के लिए सबसे अच्छा है। योजना बनाएं, अपने बच्चों से बात करें, रिश्ते से बाहर निकलें, अपनी और अपने बच्चों की देखभाल करें, पेशेवर मदद लें और धैर्य रखें। याद रखें, आप अकेले नहीं हैं और मदद उपलब्ध है। अपने और अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन बनाएं। यह एक लंबी यात्रा होगी, लेकिन आप कर सकते हैं। सकारात्मक रहें और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें। आप और आपके बच्चे एक बेहतर भविष्य के हकदार हैं।

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