चीज़ों को व्यक्तिगत रूप से लेना कैसे बंद करें: एक विस्तृत गाइड
जीवन में, हम अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करते हैं जहाँ दूसरों की बातें या कार्य हमें व्यक्तिगत रूप से प्रभावित करते हैं। कभी-कभी, हम छोटी-छोटी बातों को भी दिल से लगा लेते हैं, जिससे तनाव, चिंता और नकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं। चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना एक आम समस्या है, लेकिन इसे समझना और इससे निपटने के तरीके सीखना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना बंद कर सकते हैं और अधिक शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
## चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने के कारण
चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
* **कम आत्मसम्मान:** जिन लोगों में आत्मसम्मान की कमी होती है, वे अक्सर दूसरों की बातों को अपने बारे में नकारात्मक रूप से लेते हैं। उन्हें लगता है कि लोग उन्हें पसंद नहीं करते या उनकी कद्र नहीं करते।
* **असुरक्षा:** असुरक्षा की भावना से ग्रस्त लोग भी चीजों को व्यक्तिगत रूप से ले सकते हैं। उन्हें डर लगता है कि लोग उन्हें छोड़ देंगे या उनका मजाक उड़ाएंगे।
* **अतीत के अनुभव:** अतीत में हुए नकारात्मक अनुभव भी चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को बचपन में आलोचना का सामना करना पड़ा है, तो वह वयस्क होने पर भी दूसरों की बातों को गंभीरता से ले सकता है।
* **परिपूर्णतावाद (Perfectionism):** जो लोग हर चीज में परिपूर्ण होने की कोशिश करते हैं, वे अक्सर अपनी गलतियों और कमियों को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं। वे दूसरों की आलोचना को व्यक्तिगत रूप से लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनकी अपूर्णता को उजागर करता है।
* **तनाव और थकान:** जब हम तनावग्रस्त या थके हुए होते हैं, तो हम चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने की अधिक संभावना रखते हैं। क्योंकि हमारी भावनात्मक प्रतिक्रियाएं बढ़ जाती हैं और हम चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में नहीं देख पाते।
## चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना बंद करने के तरीके
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना बंद करने में मदद कर सकते हैं:
### 1. अपनी भावनाओं को पहचानें और स्वीकार करें
सबसे पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी भावनाओं को पहचानें और स्वीकार करें। जब आप किसी बात को व्यक्तिगत रूप से लेते हैं, तो यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या आप दुखी, क्रोधित, चिंतित या निराश हैं? अपनी भावनाओं को स्वीकार करने से आपको उन्हें संसाधित करने और उनसे निपटने में मदद मिलेगी। अपनी भावनाओं को दबाने या अनदेखा करने से वे और भी बदतर हो सकती हैं।
**उदाहरण:**
मान लीजिए कि आपके बॉस ने आपकी रिपोर्ट पर कुछ नकारात्मक प्रतिक्रिया दी। आप दुखी और निराश महसूस कर सकते हैं। अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और कहें, “मुझे बुरा लग रहा है क्योंकि मेरे बॉस ने मेरी रिपोर्ट की आलोचना की।”
### 2. स्थिति का मूल्यांकन करें
अगला कदम स्थिति का मूल्यांकन करना है। क्या वास्तव में व्यक्तिगत रूप से लेने लायक कुछ है? क्या दूसरे व्यक्ति का इरादा आपको चोट पहुंचाना था, या वे सिर्फ अपनी राय व्यक्त कर रहे थे? स्थिति का निष्पक्ष रूप से मूल्यांकन करने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या प्रतिक्रिया देना उचित है।
**खुद से पूछने के लिए प्रश्न:**
* क्या यह व्यक्ति आमतौर पर नकारात्मक है?
* क्या उनके पास मेरी बात पर प्रतिक्रिया देने का कोई कारण है?
* क्या मैं स्थिति को गलत समझ रहा हूं?
* क्या मेरे पास इस बात को व्यक्तिगत रूप से लेने का कोई ठोस कारण है?
**उदाहरण:**
मान लीजिए कि एक सहकर्मी ने आपकी परियोजना पर एक टिप्पणी की। इससे पहले कि आप इसे व्यक्तिगत रूप से लें, सोचें कि क्या वे मदद करने की कोशिश कर रहे थे या सिर्फ अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। यदि वे आमतौर पर सहायक होते हैं, तो शायद उनकी टिप्पणी का उद्देश्य रचनात्मक था।
### 3. अपने विचारों को चुनौती दें
जब हम चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेते हैं, तो हम अक्सर नकारात्मक विचारों और मान्यताओं में फंस जाते हैं। इन विचारों को चुनौती देना महत्वपूर्ण है। क्या आपके पास यह मानने का कोई ठोस कारण है कि दूसरे व्यक्ति का इरादा आपको चोट पहुंचाना था? क्या कोई अन्य व्याख्या संभव है? अपने विचारों को चुनौती देने से आपको स्थिति को एक अलग दृष्टिकोण से देखने में मदद मिलेगी।
**नकारात्मक विचारों को चुनौती देने के तरीके:**
* **सबूत की तलाश करें:** क्या आपके पास यह मानने का कोई सबूत है कि आपके विचार सही हैं?
* **वैकल्पिक व्याख्याओं पर विचार करें:** क्या स्थिति की कोई अन्य व्याख्या संभव है?
* **सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें:** सबसे बुरी चीज क्या हो सकती है? क्या आप उससे निपट सकते हैं?
* **अपने विचारों को सकारात्मक रूप से फिर से परिभाषित करें:** क्या आप अपने विचारों को अधिक सकारात्मक तरीके से व्यक्त कर सकते हैं?
**उदाहरण:**
मान लीजिए कि आपको किसी पार्टी में आमंत्रित नहीं किया गया। आप सोच सकते हैं, “मुझे किसी ने पसंद नहीं किया इसलिए मुझे नहीं बुलाया गया।” इस विचार को चुनौती दें और सोचें कि क्या कोई अन्य कारण हो सकता है, जैसे कि पार्टी में जगह कम होना या मेजबान का व्यस्त होना।
### 4. सहानुभूति का अभ्यास करें
दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करें। क्या वे तनाव में हैं? क्या उनके साथ कुछ बुरा हुआ है? सहानुभूति का अभ्यास करने से आपको उनकी बातों को व्यक्तिगत रूप से लेने से बचने में मदद मिलेगी। यह समझने की कोशिश करें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और उनके कार्यों के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
**उदाहरण:**
मान लीजिए कि आपका जीवनसाथी गुस्से में है और आपसे रूखा व्यवहार कर रहा है। इससे पहले कि आप इसे व्यक्तिगत रूप से लें, सोचें कि क्या वे किसी और चीज से परेशान हैं। शायद उनका दिन खराब रहा है या उन्हें कोई समस्या है जिससे वे जूझ रहे हैं।
### 5. सीमाएं निर्धारित करें
अपनी भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सीमाएं निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है कि आप दूसरों को यह बता सकते हैं कि आप उनसे कैसा व्यवहार करने की उम्मीद करते हैं और आप किन चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि कोई व्यक्ति आपकी सीमाओं का उल्लंघन करता है, तो उसे बताएं कि आप उनसे क्या चाहते हैं।
**सीमाएं निर्धारित करने के तरीके:**
* **स्पष्ट और सीधे रहें:** अपनी सीमाओं को स्पष्ट रूप से बताएं और उन्हें तोड़ने पर क्या परिणाम होगा यह भी बताएं।
* **दृढ़ रहें:** अपनी सीमाओं पर कायम रहें, भले ही दूसरे लोग आपको उन पर सवाल उठाने की कोशिश करें।
* **अपने आप का सम्मान करें:** अपनी सीमाओं को निर्धारित करने से आप अपने आप का सम्मान करते हैं और अपनी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हैं।
**उदाहरण:**
मान लीजिए कि आपका एक दोस्त हमेशा आपकी आलोचना करता है। आप उनसे कह सकते हैं, “मैं आपकी आलोचना को सहन नहीं कर सकता। कृपया मेरे साथ सम्मान से बात करें।” यदि वे आलोचना करना जारी रखते हैं, तो आप उनके साथ समय बिताना कम कर सकते हैं।
### 6. आत्म-देखभाल का अभ्यास करें
अपनी देखभाल करना महत्वपूर्ण है, खासकर जब आप तनावग्रस्त या अभिभूत महसूस कर रहे हों। आत्म-देखभाल में ऐसी गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं जो आपको आराम करने, तनाव कम करने और खुश रहने में मदद करती हैं। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
* **पर्याप्त नींद लें:** नींद की कमी से तनाव और भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है।
* **स्वस्थ भोजन करें:** स्वस्थ भोजन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
* **नियमित रूप से व्यायाम करें:** व्यायाम तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है।
* **मनोरंजन के लिए समय निकालें:** ऐसी गतिविधियाँ करें जो आपको पसंद हैं और जिनसे आपको खुशी मिलती है।
* **ध्यान और योग करें:** ध्यान और योग आपको शांत रहने और तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
**उदाहरण:**
यदि आप बहुत तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं, तो एक गर्म स्नान लें, एक किताब पढ़ें, या अपने पसंदीदा संगीत को सुनें।
### 7. सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं
चीजों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करें। हर स्थिति में कुछ अच्छा ढूंढने की कोशिश करें। सकारात्मक रहने से आपको तनाव कम करने और चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने से बचने में मदद मिलेगी। सकारात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए, आप निम्नलिखित काम कर सकते हैं:
* **कृतज्ञता का अभ्यास करें:** हर दिन उन चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं।
* **सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं:** सकारात्मक लोग आपको प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकते हैं।
* **अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें:** अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने से आपको सकारात्मक और प्रेरित रहने में मदद मिलेगी।
* **नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलें:** जब आप नकारात्मक विचार सोच रहे हों, तो उन्हें सकारात्मक विचारों से बदलने की कोशिश करें।
**उदाहरण:**
यदि आपको नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो इसे एक अवसर के रूप में देखें। यह एक नया करियर शुरू करने या अपने कौशल को विकसित करने का मौका हो सकता है।
### 8. प्रतिक्रिया देने से पहले थोड़ा समय लें
जब कोई आपको परेशान करता है, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें। थोड़ा समय लें और स्थिति को समझने की कोशिश करें। इससे आपको शांत रहने और समझदारी से प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी। तुरंत प्रतिक्रिया देने से आप ऐसी बातें कह सकते हैं या कर सकते हैं जिनका आपको बाद में पछतावा हो।
**समय निकालने के तरीके:**
* **गहरी सांस लें:** गहरी सांस लेने से आपको शांत रहने में मदद मिलेगी।
* **कुछ मिनट के लिए टहलें:** टहलने से आपको अपने विचारों को स्पष्ट करने में मदद मिलेगी।
* **किसी दोस्त से बात करें:** किसी दोस्त से बात करने से आपको अपनी भावनाओं को संसाधित करने में मदद मिलेगी।
**उदाहरण:**
यदि आपके जीवनसाथी ने आपसे कुछ ऐसा कहा है जिससे आपको ठेस पहुंची है, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें। थोड़ी देर के लिए दूर जाएं और शांत हो जाएं। फिर, उनसे बात करें और उन्हें बताएं कि आपको कैसा महसूस हुआ।
### 9. हास्य का उपयोग करें
हास्य एक महान तनाव निवारक है। जब आप किसी बात को व्यक्तिगत रूप से लेने की कगार पर हों, तो हंसने की कोशिश करें। हास्य आपको स्थिति को हल्का करने और तनाव कम करने में मदद कर सकता है।
**हास्य का उपयोग करने के तरीके:**
* **एक मजेदार फिल्म देखें:** मजेदार फिल्में आपको हंसा सकती हैं और तनाव कम कर सकती हैं।
* **अपने दोस्तों के साथ चुटकुले सुनाएं:** अपने दोस्तों के साथ चुटकुले सुनाने से आपको खुशी मिल सकती है और तनाव कम हो सकता है।
* **अपने बारे में हंसें:** अपने बारे में हंसने से आप अपने आप को बहुत गंभीरता से नहीं लेंगे।
**उदाहरण:**
यदि आप किसी गलती से परेशान हैं, तो इसके बारे में मजाक करने की कोशिश करें। इससे आपको स्थिति को परिप्रेक्ष्य में रखने में मदद मिलेगी।
### 10. पेशेवर मदद लें
यदि आप चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना बंद नहीं कर पा रहे हैं, तो पेशेवर मदद लेने पर विचार करें। एक चिकित्सक आपको अपनी भावनाओं को संसाधित करने और मुकाबला करने के नए तरीके सीखने में मदद कर सकता है। पेशेवर मदद लेने में कोई शर्म नहीं है। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
**पेशेवर मदद के प्रकार:**
* **मनोचिकित्सक (Psychiatrist):** मनोचिकित्सक एक चिकित्सक होता है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और उपचार करता है।
* **मनोवैज्ञानिक (Psychologist):** मनोवैज्ञानिक एक चिकित्सक होता है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए चिकित्सा प्रदान करता है।
* **परामर्शदाता (Counselor):** परामर्शदाता एक चिकित्सक होता है जो व्यक्तियों, परिवारों और समूहों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
**निष्कर्ष**
चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना एक आम समस्या है, लेकिन इसे समझना और इससे निपटने के तरीके सीखना महत्वपूर्ण है। अपनी भावनाओं को पहचानें, स्थिति का मूल्यांकन करें, अपने विचारों को चुनौती दें, सहानुभूति का अभ्यास करें, सीमाएं निर्धारित करें, आत्म-देखभाल का अभ्यास करें, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं, प्रतिक्रिया देने से पहले थोड़ा समय लें, हास्य का उपयोग करें और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लें। इन सुझावों का पालन करके, आप चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेना बंद कर सकते हैं और अधिक शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।